पितृ पक्ष: विशेषगरुड़ पुराण क्या है ?क्यों करवाया जाता है गरुड़ पुराण का पाठ…?
पितृ पक्ष: विशेष
गरुड़ पुराण क्या है ?
क्यों करवाया जाता है गरुड़ पुराण का पाठ…?
एक बार गरुड़ ने भगवान विष्णु से प्राणियों की मृत्यु, यमलोक यात्रा, नरक-योनियों तथा सद्गति के बारे में अनेक गूढ़ और रहस्य युक्त प्रश्न पूछे। उन्हीं प्रश्नों का भगवान विष्णु ने सविस्तार उत्तर दिया।
ये प्रश्न और उत्तर की श्रृंखला ही गरुड़ पुराण है। गरुड़ पुराण में स्वर्ग-नरक, पाप-पुण्य के अलावा भी बहुत कुछ है।
इसमें ज्ञान, विज्ञान, नीति, नियम और धर्म की बातें हैं। गरुड़ पुराण में एक ओर जहाँ मृत्यु का रहस्य है तो दूसरी ओर जीवन का रहस्य छिपा हुआ है।
इससे हमें कई तरह की शिक्षाएं मिलती हैं। गरुड़ पुराण में, मृत्यु के पहले और बाद की स्थिति के बारे में बताया गया है।
यह पुराण भगवान विष्णु की भक्ति और उनके ज्ञान पर आधारित है। प्रत्येक व्यक्ति को यह पुराण पढ़ना चाहिए।
यह पुराण हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथों में से एक है। 18 पुराणों में से इसे एक माना जाता है। गरुड़ पुराण में हमारे जीवन को लेकर कई गूढ़ बातें बताई गई हैं जिनके बारे में व्यक्ति को जरूर जानना चाहिए।
गरुड़ पुराण के अनुसार जब किसी के घर में किसी की मृत्यु हो जाती है तो आत्मा लगभग 13 दिनों तक उसी घर में निवास करती है।
शास्त्रों के अनुसार कोई आत्मा तत्काल ही दूसरा जन्म धारण कर लेती है। किसी को 3 दिन लगते हैं, किसी को 10 से 13 दिन लगते हैं l
और किसी को सवा माह लगते हैं लेकिन जिसकी स्मृति पक्की, मोह गहरा या अकाल मृत्यु मरा है तो उसे दूसरा जन्म लेने के लिए कम से कम एक वर्ष लगता है।
तीसरे वर्ष उसका अंतिम तर्पण किया जाता है। फिर भी कईं ऐसी आत्माएं होती हैं जिन्हें मार्ग नजर नहीं आता है और वे भटकती रहती हैं।
ऐसी स्थिति में यदि घर में गरुड़ पुराण का नियमित पाठ किया जाता है तो इसके श्रवण मात्र से ही आत्मा को शांति तथा मोक्ष की प्राप्ति संभव हो जाती है।
इसके अतिरिक्त इसमें जीवन से जुड़े सात ऐसे महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं जिनका पालन प्रत्येक
व्यक्ति को बड़ी ही सहजता के साथ करना चाहिए।
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